फ़िज़ा में ज़हर भरा है जरा संभल कर चलो,मुखालिफ आज हवा है जरा संभल कर चलो,

कोई देखे न देखे बुराइयां अपनी..खुदा तो देख रहा है जरा संभल कर चलो।

चलते रहे कदम.. किनारा जरुर मिलेगा,
अन्धकार से लड़ते रहे सवेरा जरुर खिलेगा,
जब ठान लिया मंजिल पर जाना रास्ता जरुर मिलेगा,
ए राही न थक चल.. एक दिन समय जरुर फिरेगा।

  • जो खो गया, उसके लिए रोया नहीं करते
    जो पा लिया, उसे खोया नहीं करते
    उनके हीं सितारे चमकते हैं, जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते,
    • आँखों में जीत के सपने हैं
      ऐसा लगता है अब जिंदगी के हर पल अपने हैं.
    • सपने देखो और उन्हें पूरा करो, आँखों में उम्मीद के ख़्वाब भरो
      अपनी मंजिल खुद तय करो, इस बेदर्द दुनिया से मत डरो
    • सपने देखो और उसे पूरा कर दिखाओ, अपनी तमन्नाओं के पर फैलाओ
      चाहे लाख मुसीबतें रास्ता रोके तुम्हारा, उम्मीदों के सहारे आगे बढ़ते जाओ.
    • बार–बार टूटने के बाद, अब भी मुझमें है हिम्मत संभलने की
      यकीं है मुझे पा लूँगा अपनी मंजिल, पार करके हर मुसीबत
      गर साथ है मेरे, मेरे खुदा की नेमत
    • एक नई सोच की ओर कदम बढ़ाएँ
      हौसलों से अपने सपनों की ऊंचाइयों को छू कर दिखाएँ
      जो  आज तक सिमट कर रह गई थी ख्यालों में
      उन सपनों को सच कर दिखाएँ.
    • जब कदम थक जाते हैं, तो हौसला साथ देता है
      जब सब मुँह फेर लेते हैं, तो खुदा साथ देता है.
    • जब मैं और तुम मिलें, तो किसी और की बात क्यों करें
    • नेकियाँ करके डाल देना दरिया में
      वरना नेकियों के बोझ से तूफान में फंस जाओगे
      क्योंकि नाव वही तेज चलती है, जिसमें बोझ कम हो
    • कभी अपने सपनों को हकीकत की दुनिया दिखाओ
      खुद को इस दुनिया में आजमाओ
      दुनिया में सबसे अलग अपनी पहचान बनाओ.
    • खुशियों की तरह गम भी एक दस्तूर है जमाने का
      जब हर ओर छा जाता है अँधेरा, तो वक्त आता है दिया जलाने का
    • लोगों की बात से क्यों परेशान होते हो तुम बच्चों की तरह
      लोग तो किसी को भी कुछ भी बोल कर निकल जाते हैं
      जब हालात बदल जाएँ, तो लोगों के बोल बदल जाते हैं.
    • जब दुनिया तुम पर उँगलियाँ उठाए
      जब लोग तुम्हारे रास्ते में मुश्किलें बिछाएँ
      तो न हार हौसला इन मुश्किलों के आगे
      खुद को साबित कर विजेता, तू पलटकर वार कर |
    • जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं।

      वह हृदय नहीं है पत्थर है,जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं

      बुझने लगी हो आंखे तेरी, चाहे थमती हो रफ्तार
      उखड़ रही हो सांसे तेरी, दिल करता हो चित्कार
      दोष विधाता को ना देना, मन मे रखना तू ये आस
      “रण विजयी” बनता वही, जिसके पास हो “आत्मविश्वास”

आओ झुक कर सलाम करें उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनका लहू इस देश के काम आता है॥

दुआ मांगी थी आशियाने की ,
चल पड़ी आंधियां ज़माने की,
मेरे गम को कोई समझ न पाया,
मुझे आदत थी मुस्कराने की॥

कोशिशों  के  बावजूद हो  जाती  है  कभी  हार …
होके निराश  मत  बैठना मन  को  अपने  मार …
बड़ते  रहना  आगे  सदा हो  जैसा  भी  मौसम …
पा लेती है मंजिल  चींटी  भी गिर  गिर  के  हर  बार॥

ऐसा  नहीं  की  राह  में  रहमत  नहीं  रही 
पैरो  को  तेरे  चलने  की  आदत  नहीं  रही 
कश्ती  है  तो  किनारा  नहीं  है  दूर
अगर  तेरे  इरादों  में बुलंदी  बनी  रही॥  

मुश्किलों  से  भाग  जाना  आसन  होता  है ,
हर  पहलु  ज़िन्दगी  का  इम्तिहान  होता  है ,
डरने  वालो  को  मिलता  नहीं  कुछ  ज़िन्दगी  में ,
लड़ने  वालो  के  कदमो  में  जहाँ   होता  है॥ 

बुलबुल  के  परो  में  बाज़  नहीं  होते ,
कमजोर और  बुजदिलो  के  हाथो  में  राज  नहीं  होते ,
जिन्हें  पड़ जाती  है  झुक  कर  चलने  की  आदत ,
दोस्तों  उन  सिरों  पर  कभी  ताज  नहीं  होते॥  
हर  पल  पे  तेरा  ही  नाम  होगा ,
तेरे  हर  कदम  पे  दुनिया  का  सलाम  होगा 
मुशिकिलो  का  सामना  हिम्मत  से  करना ,
देखना  एक  दिन  वक़्त  भी  तेरा  गुलाम  होगा॥ 

मंजिले  उन्ही  को  मिलती  है  
जिनके  सपनो  में  जान  होती  है 
पंखो  से  कुछ  नहीं  होता 
होसलो  से  उडान होती  है॥ 

ताश के पत्तों से महल नहीं बनता,
नदी को रोकने से समंदर नहीं बनता, 
बढ़ाते रहो जिंदगी में हर पल,
क्यूंकि एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता